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Ayurvedic Treatment: संभोग/सेक्स की शक्ति को बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय

Ayurvedic Treatment: संभोग/सेक्स की शक्ति को बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय : भोग प्रकृति द्वारा मनुष्य को दिया गया काफी अनमोल तोहफा है। यह सबके जीवन का एक अहम हिस्सा होता है। यह पति और पत्नी के बीच एक मज़बूत बंधन बना...

Ayurvedic Treatment: पपीते के पत्ते 3rd और 4th स्टेज के कैंसर को सिर्फ ...

Ayurvedic Treatment: पपीते के पत्ते 3rd और 4th स्टेज के कैंसर को सिर्फ ... : Papeete ke patte cancer ko kar sakte hai sahi अभी तक हम लोगों ने सिर्फ पपीते के पत्तों को बहुत ही सीमित तरीके से उपयोग किया होगा, बहरहाल प...

स्वप्नदोष का देसी घरेलु इलाज और उपाय – Nightfall कैसे रोके?

स्वपन दोष जिसे इंग्लीश में Nightfall, wet dreams, nocturnal emission आदि कई नामों से जाना जाता है|  एक सामान्य male issue है जो की अक्सर नवयुवकों में देखने को मिलती है| वास्तव में ये कोई बड़ी स्वास्थ सम्बन्धी परेशानी नही है लेकिन इसे युवकों में मानसिक तनाव, कॉन्फिडेन्स की कमीऔर दूसरी सामाजिक प्रॉब्लम्स के लिए ज़िमेदार माना जाता है| अखसर युवक तनाव में रहने लगते हैं और उनके मन में कई प्रशन उठने लगते हैं जैसे क्या इससे उनमें वीर्य की मात्रा कम तो नही हो जाएगी, क्या इसका असर शादी के बाद भी पड़ेगा, इससे में बहुत कमजोर हो रहा हूँ, ये मेरी आगे की सेक्सुअल लाइफ खराब तो नही कर देगा आदि| जो लोग सोचते हैं की ये भविष्य में उनकी  शादी शुदा जिन्दगी पर कोई बुरा प्रभाव पड़ेगा तो उन्हे हम बता दें की अक्सर शादी के बाद ये प्राब्लम स्वत ही ख़तम हो जाती है| अक्सर युवक और युवतियाँ आपने आपको स्वप्न में किसी कामुक क्रिया में लिप्त पाते हैं और जिसके कारण उनका नाइटफॉल हो जाता है| लड़कों में वीर्य के रिसाव होता है और लड़कियों में सफ़ेद रंग के पानी का| यदि आपको स्वप्नदोष हफ्ते में एक बार या महीने में 2-3 बार होता

सेक्‍स के लिए क्‍या है बेस्‍ट पोजीशन

अच्‍छे सेक्‍स के लिए कौन सी पोजीशन सबसे अच्‍छी है यह सवाल हर कपल के दिल में आता है। दरअसल, जिस पोजीशन में आप और आपका साथी सहज महसूस करे वही आपके लिए अच्‍छी होती है। और उसी में आप सेक्‍स का बेहतरीन अनुभव हासिल कर सकते हैं। और जिस पोजीशन में आप और आपका साथी सहज न हो वह अच्‍छी नहीं कही जा सकती।

सुरक्षित सेक्स के सुनिश्चित तरीके

संभोग बनाने से पहले अपने साथी से बात करें। कण्‍डोम अनचाहे गर्भ और यौन रोगों से बचने का बेहरतीन उपाय। बेहतर लुब्रिकेंट्स वाले कण्‍डोम का इस्‍तेमाल करें। जब तक आश्‍वस्‍त न हों, तब तक सेक्‍स न करें। रिश्‍ते शुरू होते हैं, रिश्‍ते खत्‍म हो जाते हैं। लेकिन एक रिश्‍ता ऐसा होता है जो वक्‍त के साथ-साथ और गहरा हो जाता है। वो रिश्‍ता है प्‍यार और सेक्‍स का रिश्‍ता। आकर्षण रिश्‍ते का बीजारोपण तो कर देता है, लेकिन कितनी दूर तक लेकर जाना है यह आप पर निर्भर करता है। और अगर दोनों अपने रिश्‍ते को सेक्‍स तक लेकर जा रहे हैं, तो फिर आपको कुछ बातों का खयाल रखना जरूरी है। क्‍योंकि बात जब सेक्‍स की हो तो आप सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं करना चाहिये। सेक्‍स के बारे में बात करें :- हमारा कहने का अर्थ यह नहीं कि आप अश्‍लील बातें करने लग जाएं। अगर आप अपने साथी के साथ पहली बार सेक्‍स करने जा रहे हैं, तो कुछ बातों पर जरूर बात करें। यौन रोग, यौन साथी और अन्‍य बातों के बारे में बात कर लेनी चाहिये। सेक्‍स से पहले आप दोनों का एक ही धरातल पर होना जरूरी है। कण्‍डोम का उपयोग :- चाहे आप पहली बार संभोग करन

आपको नहीं मालूम होंगे कंडोम के ये 4 साइड इफेक्ट्स

कंडोम के प्रयोग से भी हो सकते हैं साइड इफेक्ट्स। इसके लगातार इस्तेमाल से हो सकती है एलर्जी भी। योनि ग्रीवा में हो सकती है सूजन और घाव भी। योनि की प्रतिरक्षा प्रणाली को पहुंचाता है नुकसान। कंडोम प्रयोग के लाभ के बारे में अक्सर लोग जानते होते हैं, लेकिन कंडोम के भी कुछ ऐसे साइड इफेक्ट्स भी हैं इसकी लोगों को अमूमन कम ही जानकारी होती है। कंडोम न केवल आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित कर सकते हैं बल्कि आपको यौन संबंधित बीमारियों का भी शिकार बना सकते हैं। आइए जानें, कंडोम के साइड इफेक्ट्स के बारे में- दर्द एवं एलर्जी :- ऐसा देखा गया है कि लगातार अर्थात सप्ताह में दो से अधिक बार कंडोम का उपयोग करने से योनि की आंतरिक परत और झिली में संवेदनशीलता काम या समाप्त हो जाती है। जिसके कारण स्त्रियों की यौनि से स्खलित होने वाले प्राकृतिक लुब्रिकेंट (चिकनाई युक्त) दृव्यों का स्वत: स्खलन कम हो जाता है या पूरी तरह से बन्द हो भी जाता है। जिसके चलते योनि में खरास या सूखापन आता देखा गया है। जिसके कारण कंडोम का अधिक उपयोग करने वाली औरतों की योनि स्पर्श कातर (छुअन से ही दर्द महसूस होने वाली) हो ज

नींबू और बेकिंग सोडा का साथ, कैंसर को भी दे मात!

नींबू और बेकिंग सोडा कैंसर पर भारी इसके मिश्रण को दिन में 3 बार पिएं बिना साइड इफेक्ट के मुमकिन इलाज दुनिया भर में मशहूर फल नींबू के कई फायदे हैं पर क्या आप जानते हैं कि स्वस्थ जीवन के साथ-साथ ये कैंसर के उपचार में भी लाभदायक साबित हुआ है। अध्ययन के मुताबिक नींबू में लीमोनॉइड्स फाइटोकेमिकल्स होते है जिनमें कैंसर रोधी गुण मौजूद होते हैं।  इस बात की पुष्टि औषधि निर्माताओं ने भी की है। नींबू में 12 प्रकार के कैंसर से लड़ने की क्षमता है। कीमोथेरेपी और नारकोटिक प्रोडक्ट की तुलना में नींबू हजार गुणा बेहतर और असरदार पाया गया है और अगर नींबू के साथ बेकिंग सोडा का इस्तेमाल किया जाए तो ये मिश्रण कैंसर के सेल्स पर शक्तिशाली तौर पर असर करता है। यह पाया गया है कि सोडियम बाई-कॉर्बोनेट (बेकिंग सोडा) ट्यूमर और उसके आसपास की जगह को अल्क्लाइज करता है और मेटास्टेटिस (एक अंग से दूसरे अंग में फैलने) को बढ़ने से रोकता है। एसीडिक इंवॉयरमेंट और कैंसर सेल ग्रोथ के बीच के संबंध का वर्णन पहली बार डॉ ओट्टो वॉरवर्ग ने किया था। 1931 में डॉ वॉरवर्ग को फिजियोलॉजी नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया